साल 2021 की बात है. उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने वाले थे. चुनाव प्रचार जोरों पर था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शाहजहांपुर पहुंचे हुए थे. उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. मोदी ने अपने भाषण में योगी की तारीफ करते हुए कहा कि यूपी के विकास के लिए योगी सरकार की जरूरत है. उन्होंने कहा था, ”आज पूरी जनता कह रही है, यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी.” उस वक्त चुनाव में मोदी का दिया ये नारा खूब वायरल हुआ था. लेकिन विपक्षी दलों ने इसे सिरे खारिज कर दिया.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तब एक ट्वीट में कहा था, ”हाथरस की बेटी, लखीमपुर का किसान, गोरखपुर का व्यापारी, असुरक्षित महिला, बेरोजगार युवा, पीड़ित दलित-पिछड़े सब कह रहे हैं. यूपी के लिए वर्तमान सरकार उपयोगी नहीं, अनुपयोगी है. यूपी वाले कह रहे हैं, अगर कोई उप-योगी है; तो मुख्य-योगी कौन है.” मुख्य विपक्षी दल सपा हर रोज किसी न किसी मोर्चे पर योगी सरकार को घेरने का काम करती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कानून, शिक्षा, स्वास्थ, महिला सुरक्षा, अर्थव्यवस्था सहित अहम मोर्चों पर योगी सरकार कितनी उपयोगी है?
कानून व्यवस्था
योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की सबसे प्रमुख उपलब्धि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना रही है. उनका “जीरो टॉलरेंस” दृष्टिकोण अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से लागू किया गया है. अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई, माफिया नेटवर्क सहित संगठित अपराध को खत्म करने की पहल और पुलिस व्यवस्था में सुधार के कारण राज्य में सुरक्षा की भावना बढ़ी है. विशेषकर महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए योजनाओं और हेल्पलाइन ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं.
धार्मिक और सांस्कृतिक
योगी आदित्यनाथ, एक हिंदू संत के रूप में प्रसिद्ध हैं. इस पृष्ठभूमि ने उनके नेतृत्व को एक खास धार्मिक दृष्टिकोण भी दिया है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं उनकी धार्मिक नीतियों का एक हिस्सा हैं. ये नीतियां न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के माध्यम से भी राज्य के आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही हैं.
आर्थिक विकास और निवेश
योगी सरकार ने राज्य में निवेश को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. “इन्वेस्टर्स समिट” के माध्यम से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया गया है. इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है. ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना जैसी पहलों ने छोटे और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा दिया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक विकास हो रहा है.
बुनियादी ढांचा
उत्तर प्रदेश में सड़कों, पुलों, मेट्रो और एक्सप्रेसवे का निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया है. योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास में तीव्र गति से कार्य किया है, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान कर रहा है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं राज्य की अर्थव्यवस्था और परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ कर रही हैं.
कृषि और ग्रामीण विकास
उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है. योगी सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं. सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया गया, जिससे खेती की उत्पादकता में सुधार हुआ है. किसानों के ऋण माफी योजना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में सुधार और किसान उत्पादक संगठन (FPO) जैसी पहलों ने किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद की है.
स्वास्थ्य और शिक्षा
कोरोना महामारी के दौरान योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तेजी से कदम उठाए. अस्पतालों की संख्या बढ़ाई गई, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों की व्यवस्था की गई. इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी योगी सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल तकनीक का समावेश करते हुए छात्रों के लिए नए अवसर पैदा किए.
देखा जाए तो योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को विकास की एक नई दिशा देने का प्रयास किया है. उनकी सख्त प्रशासनिक शैली, कानून-व्यवस्था को सुधारने की प्रतिबद्धता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के प्रयासों ने उन्हें एक प्रभावी नेता के रूप में स्थापित किया है. हालांकि, उनकी नीतियों की आलोचना भी होती रही है. खासकर धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से, लेकिन उनका नेतृत्व उत्तर प्रदेश को एक सशक्त और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है.
