October 20, 2025 3:43 pm

जानिए दिल्ली विधान सभा चुनाव क्यों हारे अरविंद केजरीवाल?

अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की बुनियाद कांग्रेस विरोधी राजनीति पर रखी थी. लेकिन एक साल के भीतर ही यानी दिसंबर 2013 में उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बना ली थी. फिर 49 दिनों में केजरीवाल ने मुख्यमंत्री से इस्तीफ़ा दे दिया था और इसके बाद फिर से कांग्रेस के ख़िलाफ़ मुखर हो गए थे. दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. लेकिन साल 2024 आते-आते अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन में शामिल हो गए.

दिल्ली और गुजरात में लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन भी हुआ, लेकिन इसका कोई फ़ायदा नहीं मिला. उल्टे आम आदमी पार्टी दिल्ली की जनता की नजरों से गिर गई. राजनीति बदलने आए केजरीवाल ने पिछले 12 सालों में अपनी छवि के उलट काम किया. जनता ने उनसे मूल्यों की राजनीति के नए कीर्तिमान बनाने की उम्मीद की लेकिन वो इस कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए. लोगों ने देखा कि भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर राजनीति में आए केजरीवाल खुद उसी में फंस गए.

अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में जेल जाने के बावजूद मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठे रहे. दिल्ली की जनता के दिलों से निकल गए. नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में केजरीवाल महीनों रहे और उन्हें जब जमानत मिली तो सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें लगाईं. जैसे कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकते हैं. ऐसे में उनका इस्तीफा देना लाजिमी था. लेकिन केजरीवाल ने अपने इस्तीफे को जनता की स्वीकृति से जोड़ दिया.

नतीजों ने बता दिया कि जनता ने केजरीवाल को ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं दिया और उनका ये दांव बहुत भारी पड़ा. जनता ने ये बात नहीं भूली कि कैसे अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के बाद आम आदमी की तरह रहने का वादा नहीं निभाया. उन्होंने अपने लिए बड़ा बंगला बनवाया और महंगी गाड़ी ली. यही नहीं आम आदमी पार्टी में उनका वर्चस्प स्थापित होते हुए जनता ने देखा जबकि वो इसी राजनीति को बदलने के लिए आए थे.

अरविंद केजरीवाल ने हर वो काम किया जिसकी उन्होंने आलोचना की थी. शायद यही वजह रही कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का साथ दिल्ली की जनता ने नहीं दिया जबकि अरविंद केजरीवाल ने खुद को बीजेपी के सताए के तौर पर खुद को किया, लेकिन जनता पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. पहले लोकसभा और अब विधानसभा चुनाव ने बता दिया है कि केजरीवाल की भ्रष्टाचार विरोधी छवि कमज़ोर हुई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Cricket Live

Horoscope

Share Market