एक सिरकटा भूत। एक-एक कर गायब होती लड़कियां। भूत और चुड़ैल का आमना-सामना। तीन दोस्तों की मसखरी, जो हंसने पर मजबूर कर दे। ये कॉम्बिनेशन काफी कमाल का है। ऐसा ही कुछ हॉरर-कॉमेडी फिल्म ‘स्त्री 2’ में देखने को मिला। 100 करोड़ की लागत में बनी इस फिल्म ने छप्पर फाड़ कमाई की है। बॉक्स ऑफिस पर इसका कलेक्शन 800 करोड़ रुपए पार कर चुका है। इतना ही नहीं इस फिल्म ने शाहरुख खान की बहुचर्चित फिल्म ‘जवान’ के भी छक्के छुड़ा दिए हैं। कमाई के मामले में ‘जवान’ से बहुत आगे निकल चुकी है। इस फिल्म ने इतिहास रच दिया है।
हॉरर-कॉमेडी फिल्मों की लिस्ट में केवल ‘स्त्री 2’ ही नहीं बल्कि फिल्म ‘मुंज्या’ भी अपनी मजबूत मौजूदगी दर्शाती है। इसने कमाई के मामले में सारी फिल्मों की हालत खराब कर दी। इस फिल्म की लागत 30 करोड़ रुपए है, जबकि कमाई बजट से चार गुना 125 करोड़ रुपए है। इन दोनों फिल्मों में वीएफएक्स ने खास रोल निभाया है। वैसे देखा जाए तो साल 2024 में हॉरर कॉमेडी का तड़का तो फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ भी लगाने वाली है, जिसका दूसरा पार्ट साल 2022 में रिलीज हुआ था। इस फिल्म ने उस वक्त 181 करोड़ कमाए थे, जबकि ये फिल्म 90 करोड़ में बनी थी। ऐसे में ‘भूल भुलैया 3’ से काफी उम्मीद है।
फिल्म ‘स्त्री 2′ की दमदार स्टारकास्ट
‘स्त्री’ फिल्म फ्रेंचाइजी की दूसरी किश्त ‘स्त्री 2’ की सफलता की सबसे बड़ी वजह इसकी मजबूत स्टारकास्ट है। इस फिल्म में जितने भी कलाकार नजर आए वो अपने-अपने रोल को दिल खोलकर निभाते हुए दिखाई दिए। इस चीज पर बात रखते हुए खुद राजकुमार राव ने कहा कि एक सीरियस कंडीशन पर लोगों को हंसाने का तरीका आपको आना चाहिए। मिस्टर चैपलिन का पूरा करियर इसी चीज पर आधारित रहा। हमने ‘स्त्री 2’ में जो किया मुश्किल था. क्योंकि भूतों का सामना करने और उनसे लड़ने में डर लगता है, लेकिन लोगों को इसे देखने में मजा आया। यही वजह है कि हमें भी खुशी मिल रही है।
फिल्म ‘मुंज्या‘ की जान अमर कौशिक
हॉरर कॉमेडी फिल्म में अलग ही जान डालने का काम डायरेक्टर अमर कौशिक ने बखूबी किया। अमर कौशिक का कहना है, “आप प्रेरित होकर ये कह सकते हैं कि वाह, क्या फिल्म बनाई है’, लेकिन इसे बनाना और इसे अपने तरीके से बताना अधिक महत्वपूर्ण है।” अमर कौशिक की सभी तीन फिल्मों को दिनेश विजन ने प्रोड्यूस किया है। इनमें ‘मुंज्या’ भी एक फिल्म है। ये सुपरनेचुलर हॉरर कॉमेडी अपनी आउट ऑफ सेलेब्स स्टोरी की वजह से लोगों के बीच सुपर हिट रही है। इस फिल्म में अभय वर्मा और शरवरी वाद्य ने कमाल का काम किया। ये एक लोक कथा पर आधारित फिल्म है, जिसका ताल्लुक महाराष्ट्र के कोंकण से है। मुंज्या शब्द एक प्रचलित जनेऊ रस्म से जुड़ा है, जिसमें 5 से 7 साल के बच्चे का मुंडन किया जाता है। फिर उसे जनेऊ पहनाया जाता है।
राजकुमार-आयुष्मान पर भारी पड़े अभय
फिल्म ‘मुंज्या’ में पहले राजुकमार राव और आयुष्मान खुराना को कास्ट करने पर विचार हुआ था। लेकिन बाद में अभय वर्मा का नाम फाइल हो गया। इस पर फिल्म मेकर कहते हैं, ”हमने बहुत ऑडिशन लिए थे। हम नए युवा टैलेंट की तलाश में थे। लेकिन किसी बड़ी उम्र के व्यक्ति को कास्ट नहीं करना चाहते थे। हम 19 या फिर 20 साल के लड़के को कास्ट करना चाहते थे। सभी कास्टिंग एजेंट्स से कॉन्टेक्ट किया। कई ऑ़डिशन भी लिए। हम इस बात को लेकर साफ थे कि हम लड़के को फिल्म में पोस्टर बॉय के तौर पर देखना चाहते हैं। इसीलिए हमने पूरी तरह से नई प्रतिभा को चुना।”
हॉरर फिल्मों की ऐसे हुई शुरुआत
‘द हाउस ऑफ द डेविल’ को पहली हॉरर फिल्म माना जाता है। इसे साल 1896 में रिलीज किया गया था। वहीं, बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों का दौर 1940 के दशक में शुरु हुआ था। साल 1990 में एक फिल्म ‘महल’ आई थी, जिसे पहली हॉरर फिल्म के तौर पर जाना गया। इस फिल्म में अशोक कुमार और मधुबाला मुख्य भूमिका में थे। इसी फिल्म के जरिए लता मंगेशकर को असली पहचान मिली थी। इस फिल्म का गाना आएगा ‘आएगा, आएगा आने वाला’ हिट हुआ था। उस वक्त रामसे ब्रदर्स अपनी भूतिया कहानियों से हॉरर जॉनर की फिल्में बनाकर इतिहास रच रहे थे। उन्होंने एक नहीं बल्कि कई सारी फिल्में जैसे कि ‘दो गज़ ज़मीन के नीचे’, ‘दरवाज़ा’, ‘पुराना मंदिर’, ‘तहख़ाना’, ‘वीराना’, ‘पुरानी हवेली’, ‘बंद दरवाज़ा’ फिल्में बनाई हैं। उस वक्त रोमांटिक फिल्मों का दौर लोगों के बीच चल रहा था। ऐसे में रामसे ब्रदर्स ने रिस्क लेकर हिंदी सिनेमा को भूत, प्रेत, आत्मा और शैतान की कहानियों से रूबरू कराया। बड़े स्टार्स भी हॉरर फिल्मों को बीग्रेड मानकर काम नहीं करते थे, लेकिन समय बदला हॉरर फिल्मों की लोकप्रियता देखकर धीरे-धीरे बड़े कलाकार भी काम करने लगे। इसके बाद फिल्म बीस साल बाद 1 जनवरी 1962 को लोगों के बीच रिलीज हुई। ये फिल्म बंगाली थ्रिलर फिल्म जिघांसा से प्रेरित थी। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी हिट रही थी। 25 दिसंबर 1993 में फिल्म ‘मनिचित्रथाजु’ आई। इस फिल्म का निर्माण स्वर्गचित्र ने किया था। इस फिल्म को बेस्ट नेशनल फिल्म का अवॉर्ड भी मिला था। नए दौर में ‘तुम्बाड’, ‘1920’ और ‘राज’ जैसी फिल्में मशहूर हुई हैं।
