July 1, 2025 4:10 pm

जानिए एक कातिल के दिमाग में कत्ल से पहले क्या चलता है?

जानिए एक कातिल के दिमाग में कत्ल से पहले क्या चलता है?

अक्सर ये सवाल पूछा जाता है या खुद से लोग ये सवाल पूछते हैं कि कत्ल करने से पहले, कत्ल करते वक्त या कत्ल करने के बाद एक कातिल के दिमाग मे क्या चल रहा होता है. वो क्या सोचता है. उसे क्या महसूस होता है. इसी सवाल पर दुनिया भर में ना जाने कितनी स्टडी हुई. ये विशाल गुप्ता उर्फ विक्की है. बेहद पढ़ा लिखा और एक आईटी कंपनी में नौकरी करने वाला. इसकी पूरी जिंदगी तीन हिस्सों में बटी हुई है. पहला हिस्सा इसके बचपन का है.

जब ये सिर्फ 7 साल का था तब इसने अपने मां-बाप और दादा का कत्ल होते देखा था. दूसरा हिस्सा बचपन से नौजवानी तक का है. जब ये अपने उसी मां-बाप और दादा के कातिल के घर में परवरिश पा रहा था. खुद पर और अपने छोटे भाई औऱ बड़ी बहन पर तमाम ढाए जा रहे जुल्मों को देखते हुए. फिर इसकी जिंदगी का तीसरा हिस्सा आया. इसने अपने हाथों से कुल 5 कत्ल किए. अब जो ऊपर सवाल छोड़ा था उसके पहले जवाब से कहानी शुरु करते हैं.

आखिर कत्ल के बाद एक कातिल के दिमाग में क्या चल रहा होता है. क्या उसे अपने किए का कोई अफसोस होता है. यकीन मानिए विक्की इस मामसे में एक बेहतरीन केस स्टडी है. बस शर्त ये है कि ना सिर्फ इसकी बातचीत को बेहद गौर से सुनिए बल्कि जब सवाल पूछा जाए तब इसके चेहरे से नजरे मत हटाइएगा. शुरुआत करने से पहले ये आपको बताता चलूं कि इस वक्त विक्की वाराणसी की पुलिस कस्टडी में एक थाने में बैठा है और सवाल पूछने वाले एक पुलिस अफसर है.

ना चेहरे पर कोई शिकन, ना आंखों में खौफ, ना लड़खड़ाती जुबान. एक दो नहीं विक्की के हाथों से पांच-पांच कत्ल हुए हैं. वो भी एक ही रात में. लेकिन कोई पछतावा नहीं. अब ऐसा भी नहीं है कि विक्की एक पेशेवर क्रिमिनल या किलर है. ये उसकी जिंदगी का पहला क्राइम था. शायद इसलिए इस वक्त उसके चेहरे पर वो सख्त भाव या चालाकीपन कहीं नजर ही नहीं आ रहा है. इसके उलट ये कहते हुए उसके चेहरे पर एक अजीब सा सुकून का भाव नजर आ रहा है.

इस केस स्टडी को आगे बढ़ाऊ उससे पहले जरूरी है कि केस को जान लें. 5 नवंबर 2024 को वाराणसी में एक घर से चार लाशें मिली थी. मां दो बेटे और उनकी एक बेटी की लाश. इस घर से कुछ दूरी पर घर के मुखिया राजेंद्र गुप्ता की लाश मिली थी. पांचो को सिर में गोली मारी गई थी. जब पुलिस ने इस सामूहिक हत्याकांड की जांच शुरु की तो 34 साल पुरानी एक कहानी का खुलासा हुआ. पता चला 34 साल पहले राजेंद्र गुप्ता ने अपने छोटे भाई और उनकी पत्नी को ठीक इसी तरह सिर में गोली मारी थी. इसके बाद राजेंद्र गुप्ता ने अपने पिता की भी गोली मारकर हत्या कर दी. जिस छोटे भाई की राजेंद्र ने हत्या की थी.

उस छोटे भाई के तीन बच्चे थे. दो भाई और एक बहन. इन तीनों को अब राजेंद्र ने अपने ही घर में पालना शुरु किया. वो तीनों बच्चों को हमेशा मारता पीटता था. धीरे धीरे वक्त बीता. तीनों बड़े हुए. फिर बहन की शादी हो गई और दोनों भाई दिल्ली चले गए. आईटी कंपनी में नौकरी करने. इन्हीं में से एक भाई था विशाल गुप्ता उर्फ विक्की गुप्ता. –नैट जब विक्की गुप्ता के मां बाप और उसके दादा का कत्ल हुआ था तब उसने इन तीनों कत्ल को अपनी आंखों से देखा था.

वो मंजर वो कभी भुला नहीं पाया. और फिर आखिरकार पिछले साल दिवाली के मौके पर विक्की घर आया और 34 साल पुराना बदला राजेंद्र गुप्ता और उनके परिवार के चार लोगों को गोली मारकर लिया. उसने पांचों को ठीक उसी जगह सिर में गोली मारी. जिस जगह राजेंद्र गुप्ता ने उसके मां-बाप और दादा को मारा था. इसके बाद विक्की गायब हो गया. पूरे तीन महीने तक वो अलग अलग शहरों में छुपता रहा. लेकिन तीन महीने बाद अब वो पकड़ा गया. और इसी गिरफ्तारी के बाद उसने अपनी जिंदगी के तीन हिस्सों की कहानी सुनाई.आखिरी हिस्सा आप पहले ही सुन चुके हैं. अब उस हिस्से की कहानी सुनिए जब वो 5 कत्ल करने के लिए वाराणसी पहुंचा था.

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